पाइल्स एक ऐसी परेशानी है जिससे लाखों लोग परेशान हैं। ये बीमारी लम्बे समय तक कब्ज होने से, मोटापा और घंटों बैठे या खड़े रहने से होती है। कब्ज की वजह से ही पाइल्स, फिशर और फिस्टुला होता है। कब्ज की बीमारी बॉडी में अशुद्धियों को बढ़ा देती है जिससे पाचन बिगड़ने लगता है। महिलाओं को प्रेग्नेंसी में ये बीमारी परेशान करती है। पाइल्स मुख्य रूप से सूजी हुई रक्त वाहिकाएं हैं।
इस बीमारी में गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसी महसूस होती है। इस बीमारी के लक्षणों की बात करें तो गुदा के आस-पास खुजली रहती है, गुदा के आस-पास चिपचिपा महसूस होता है। गुदा के पास दर्द, परेशानी, खून आना और सूजन होना इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। बवासीर की बीमारी में डाइट का अहम किरदार है। आप भी बवासीर के लक्षणों से परेशान हैं तो डाइट में कुछ बदलाव करें। बवासीर के लक्षणों को दूर करने के लिए कुछ फूड्स से दूरी बनाना जरूरी है। आइए सी.के,बिरला हॉस्पिटल के स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुखविंदर सिंह से जानते हैं कि पाइल्स के लक्षणों को कम करने के लिए किन फूड से परहेज करना जरूरी है।
बवासीर के लक्षणों को कंट्रोल करना चाहते हैं तो फास्ट फूड से परहेज करें। फ्रेंच फ्राइज, तले हुए मोमोज, समोसा, कचौरी और फास्ट फूड्स, तेल और मसाले से भरपूर फूड पाचन तंत्र को कमजोर बनाते हैं। इन फूड्स से कब्ज की समस्या पैदा होती है। कब्ज होने पर पाइल्स के लक्षणों में बढ़ोतरी होती है।
सफेद ब्रेड का सेवन करने से कब्ज की परेशानी में इज़ाफा होता है। मैदा से तैयार सफेद ब्रेड पाचन को खराब करती है और कब्ज की परेशानी को बढ़ाती है।
बवासीर के लक्षणों से परेशान हैं तो डाइट में चाय और कॉफी का बिल्कुल सेवन नहीं करें। चाय और कॉफी का सेवन पाइल्स के लक्षणों को बढ़ा सकता है। आप अगर चाय पीना चाहते हैं तो हर्बल टी का सेवन करें। हर्बल चाय का सेवन सूजन और मल त्याग के दौरान आने वाले खून और सूजन को कम करता है।
बवासीर के मरीज नशीले पदार्थों का सेवन करना बंद कर दें। सिगरेट और गुटखा इस परेशानी को बढ़ा सकता है।