24 अक्टूबर, 2022 को दिवाली का त्योहार आ रहा है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होता है। इसे हर साल लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने और घरों में दीपक जलाने का महत्व होता है। जब भगवान राम अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने भी फूल और दीपक से उनका स्वागत किया था। लेकिन आजकल लोग इन दीपकों के साथ पटाखे भी जलाते हैं। जबकि पौराणिक कथाओं में ऐसा कुछ भी नहीं कहा गया है।
पटाखों का कोई धार्मिक कनेक्शन नहीं है। ऊपर से ये बहुत प्रदूषण फैलाते हैं। सरकार भी समय-समय पर लोगों को पटाखे ना फोड़ने की सलाह देती है। लेकिन लोग नहीं मानते हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार ने पटाखे फोड़ने को लेकर सख्त नियम बना दिए हैं। उन्होंने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बीते दो सालों से पटाखों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रखा है। यह प्रतिबंध इस साल भी जारी है। इतना ही नहीं जो लोग पटाखे फोड़ते या बेचते दिखाई दिए उनके ऊपर दंडनीय कार्रवाई भी की जाएगी।
दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने बताया कि राजधानी में जो भी पटाखा फोड़ता पकड़ा गया उसे 6 महीने तक की जेल और 200 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के अंतर्गत तीन साल की जेल और 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
बताते चलें कि दिल्ली सरकार ने सितंबर में ही आदेश जारी कर पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर कंप्लीट बैन लगा दिया था। ये बैन अगले साल एक जनवरी तक सभी प्रकार के पटाखों पर लागू रहेगा।
पटाखों को लेकर बने नियमों का सख्ती से पालन हो, इसलिए सरकार ने 408 टीमों का गठन भी किया है। इसमें दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्त के अंतर्गत 210 टीम गठित की गई है। वहीं राजस्व विभाग के तहत 165 और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने 33 टीमें गठित हुई है। अभी तक पटाखे से जुड़े नियमों के उल्लंघन के 188 मामले सामने आए हैं। वहीं 16 अक्टूबर तक 2,917 किलोग्राम पटाखे जब्त किए जा चुके हैं।