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GST के दायरे में आते ही महंगा होगा दही, लस्सी और छाछ, ग्राहकों पर पड़ेगा सीधा असर

दिल्ली Published by: Paliwalwani Updated Mon, 04 Jul 2022 02:16 AM
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GST Council Meeting : देश में महंगाई लगातार बढ़ते जा रही है। इस बीच जनता को एक ओर झटका लगने वाला है। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक हुई। जिसमें कुछ खाद्य पदार्थों पर जीएसटी में मिलने वाली छूट वापस ले ली है। जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के बाद प्री-पैक्ड, प्री लेबल्ड दही, लस्सी और छाछ जैसे दूध प्रोडक्ट्स जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे। बता दें फिलहाल इन उत्पादों पर किसी तरह का जीएसटी नहीं लगता है। काउंसिल के इस फैसले के बाद डेयरी कंपनियों की लागत में वृद्धि होगी। जिसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। उन्हें दूध उत्पादों पर ज्यादा कीमतें चुकानी पड़ेगी।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट अनिरुद्ध जोशी, मनोज मेनन, करण भुवानिया और प्रांजल गर्ग ने अपने शोध नोट में कहा कि दही और लस्सी पर जीएसटी की दर वर्तमान में शून्य से 5होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लगने के बाद डेयरी कंपनियों पर लागत का बोझ बढ़ेगा। वह इसे कम करने के लिए प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि दही अधिकाश डेयरी कंपनियों के लिए एक प्रमुख उत्पाद है। उनके कवरेज के तहत डेयरी कंपनियों के राजस्व में दही और लस्सी का योगदान 15-20है। हालांकि विश्लेषकों को किसी भी डेयरी कंपनी पर किसी भी भौतिक प्रभाव की उम्मीद नहीं है।

फिलहाल सूचीबद्ध डेयरी कंपनियों के दोनों प्रमुख उत्पाद जैसे दूध और दही जीएसटी दरों से मुक्त हैं। विश्लेषकों के अनुसार दही पर 5जीएसटी लगने की संभावना के साथ डेयरी कंपनियां इनपुट क्रेडिट प्राप्त करने में सक्षम होंगी। उन्होंने कहा, हमें विश्वास है कि जीएसटी लेवी का शुद्ध प्रभाव 2-3की सीमा में होगा। विशेष रूप से कुछ डेयरी उत्पाद जैसे आइसक्रीम, पनीर, घी और पनीर पहले से ही जीएसटी के दायरे में है। अभी पैकेज्ड दूध पर भी कोई जीएसटी नहीं है।

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