एप डाउनलोड करें

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का जवाब, अब कुछ भी काला नहीं है, बल्कि सब कुछ पारदर्शी

दिल्ली Published by: Paliwalwani Updated Sat, 15 Oct 2022 01:32 AM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

नई दिल्ली : एजेंसियां, केंद्र सरकार ने चुनावी बांड योजना को राजनीतिक दलों को चंदा देने का पारदर्शी तरीका बताते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष कहा कि इसमें काले धन की कोई संभावना नहीं है. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरथ्ना की पीठ के समक्ष एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स (एडीआर) और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चुनावी बांड राजनीति दलों के चंदे के लिए धन प्राप्त करने की बिलकुल पारदर्शी पद्धति है.

श्री मेहता ने पीठ के समक्ष कहा कि अब कुछ भी काला नहीं है, बल्कि सब कुछ पारदर्शी है. इस पर पीठ ने सॉलीसीटर जनरल से पूछा कि क्या सिस्टम ने जानकारी दी है कि पैसा कहां से आ रहा है. श्री मेहता ने जवाब दिया कि बिलकुल. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने एक याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए इस मामले को महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि इसकी सुनवाई एक बड़ी पीठ कर सकती है.

इस पर पीठ ने कहा कि जब तक विचारों का टकराव नहीं होता है, तब तक मामले को बड़ी पीठ के समक्ष नहीं भेजा जा सकता है. एनजीओ की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चुनाव में विदेशी धन के इस्तेमाल पर भी ङ्क्षचता व्यक्ति और कहा कि याचिका में ऐसे मुद्दे उठाए गए हैं, जो लोकतंत्र को प्रभावित करते हैं. इनमें चुनावी बांड की शुरुआत और राजनीतिक दलों को आरटीआई के तहत लाना शामिल है. याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने राज्यों में आने वाले महीनों में चुनाव होने का हवाला देते हुए मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने की गुहार लगाई.

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next