नई दिल्ली : चार राज्यों में 16 सीटों पर शुक्रवार सुबह शुरू हुआ राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) का परिणाम आखिरकार शनिवार तड़के सामने आ सका. महाराष्ट्र की छह सीटों (Maharashtra’s six seats) में से भाजपा (BJP) ने तीन, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी (Shiv Sena, Congress and NCP) ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की. वहीं हरियाणा की दो सीट में से भाजपा ने एक सीट पर जीत दर्ज की. इससे पहले राज्यसभा चुनाव को लेकर दिनभर चली गहमागहमी के बाद शाम के वक्त महाराष्ट्र और हरियाणा में वोटों की गिनती रोक दी गई थी.
राज्यसभा चुनाव में राजस्थान से कांग्रेस के तीनों प्रत्याशी प्रमोद तिवारी, रणदीप सुरजेवाला और मुकुल वासनिक विजयी हुए, जबकि भाजपा के पूर्व मंत्री घनश्याम तिवारी ही उच्च सदन पहुंच सके। राजस्थान से भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को समर्थन दिया था, जो चुनाव हार गए। वहीं, कर्नाटक में जनता दल सेकुलर (जेडीएस) को बड़ा झटका लगा, उसे एक भी सीट नहीं मिली। यहां भाजपा को तीन और कांग्रेस को जयराम रमेश की मात्र एक सीट मिली। उधर, महाराष्ट्र व हरियाणा में आधी रात के बाद मतों की गिनती शुरू हुई।
सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को नतीजे आने के बाद अपने ट्वीट में कहा, कांग्रेस के तीनों उम्मीदवारों की जीत राजस्थान में लोकतंत्र की जीत है। इस तरह, राजस्थान और कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के 3-3 प्रत्याशी राज्यसभा पहुंचेंगे। कर्नाटक में एचडी देवगौड़ा की जेडीएस एक भी सीट नहीं जीत पाई। भाजपा की निर्मला सीतारमण, जग्गेश और सीटी रवि चार में से तीन सीटें जीतकर राज्यसभा पहुंचे। यहां कांग्रेस के मंजूर अली खान भी हार गए।
उच्च सदन में महिला सदस्यों की संख्या रिकॉर्ड 32 पहुंच गई। इससे पहले 2014 में 31 महिला सदस्य थीं। इस बार निर्मला सीतारमण सहित 10 महिलाएं जीती हैं। आठ पहली बार उच्च सदन पहुंची हैं।
इससे पहले राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र में छह और हरियाणा में दो सीटों के लिए मतदान खत्म होने के बाद शुक्रवार को भाजपा के विरोध के चलते मतगणना रोकनी पड़ी, जो देर रात शुरू हो सकी। भाजपा ने महाराष्ट्र में एमवीए के तीन विधायकों सुहास कांदे (शिवसेना), यशोमति ठाकुर (कांग्रेस) और जितेंद्र अव्हाड (एनसीपी) पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उनके मत खारिज करने की मांग की। यहां 288 में से सिर्फ 285 सदस्य ही वोट कर सके।
भाजपा का आरोप है कि इन विधायकों ने अपना वोट दूसरे लोगों को दिखाकर गोपनीयता के नियम का उल्लंघन किया। वहीं, हरियाणा में कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और बीबी बत्रा पर अपना वोट पार्टी एजेंट के बजाय अन्य लोगों को दिखाने का आरोप लगाते हुए उनका वोट खारिज करने की मांग की। कांग्रेस ने भी निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर भाजपा पर निष्पक्ष चुनाव नहीं होने देने का आरोप लगाया। अजय माकन ने भी पत्र भेजकर भाजपा व निर्दलीय उम्मीदवार के आरोपों को फर्जी बताया। माकन ने दावा किया कि भाजपा के लगाए सभी आरोप निराधार हैं।
हरियाणा में राज्य में कुल 90 में 89 सदस्यों ने मतदान किया, निर्दलीय विधायक बलराज कुंदू ने अपना वोट नहीं डाला। भाजपा ने यहां पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार को उम्मीदवार बनाया था। वहीं कांग्रेस से पूर्व मंत्री अजय माकन मैदान में थे। मीडिया घराने से कार्तिकेय शर्मा को भाजपा ने समर्थन दिया था। दोनों ने आयोग से चौधरी और बत्रा की शिकायत की और उनके वोट खारिज करने की मांग की।
महाराष्ट्र में भाजपा ने आरोप लगाया कि कैबिनेट मंत्री जितेंद्र अव्हाड, यशोमती ठाकुर और शिवसेना विधायक सुहास कांडे ने नियमों का उल्लंघन किया। इनमें अवहद और ठाकुर ने सिर्फ दिखाने के बजाय पार्टी एजेंट को अपने वोट वाली पर्ची पकड़ा दी। वहीं कांडे ने दो अलग-अलग एजेंटों को अपने वोट दिखाए। इसलिए इन तीनों के वोट खारिज किए जाने चाहिए। कांडे का वोट देर रात अमान्य करने के बाद यहां देर रात मतगणना शुरू हुई।