भोपाल :
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सत्ता की कमान संभाल ली. सीएम पद का कार्यभार संभालते ही मोहन यादव ने प्रदेश में धार्मिक स्थलों और अन्य जगहों पर लाउडस्पीकर को बैन करने का आदेश दिया. आदेश के मुताबिक धर्मगुरुओं से बातचीत के बाद ही धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का काम किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चूंकि लाउडस्पीकर बजाने के लिए एक निश्चित समयसीमा तय है. इसलिए शादी ब्याह में भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी. हालांकि, मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में शादी ब्याह का कोई जिक्र नहीं किया है.
आदेश में कहा गया है कि लाउडस्पीकर से होने वाले शोर से इंसान के काम करने की क्षमता, आराम, नींद और संवाद में व्यवधान पड़ता है. साथ ही इससे शरीर पर ब्लड प्रेशर, बेचैनी, मानसिक तनाव और अनिद्रा जैसे प्रभाव पड़ते हैं. लाउडस्पीकर का इस्तेमाल रोकने के लिए सरकार ने उड़नदस्तों के गठन का फैसला भी किया है. ये उड़नदस्ते नियमों के उल्लंघन की स्थिति में रिपोर्ट संबंधित अधिकारी को सौंपेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल के लिए पहले से ही एक गाइडलाइन तय कर रखी है. इसके तहत लाउडस्पीकर की आवाज की एक सीमा तय की गई थी. ऐसे में शायद ही मस्जिदों और मंदिरों पर इसका कोई खास असर पड़े.
लाउडस्पीकर बजाने के लिए एक निश्चित समयसीमा भी पहले से तय है. इस दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा सकता है. सुबह 6 बजे के बाद से रात के 10 बजे तक लाउडस्पीकर बजाया जा सकता है, जबकि रात 10 बजे के बाद से लेकर सुबह के 6 बजे तक इसपर पाबंदी है. ऐसे में अगर कोई रात 10 बजे के बाद लाउड स्पीकर का इस्तेमाल करता है तो उस पर कानूनी कारवाई की जा सकती है.
आम तौर पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए प्रशासन से लिखित मंजूरी लेना अनिवार्य है. धार्मिक स्थलों में भी इसी प्रक्रिया के तहत अनुमति मिलती है, लेकिन प्रशासन अगर चाहे तो उन स्थानों पर अनुमति का समय बढ़ा सकता है, जहां सुबह 6 से लेकर रात 10 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की छूट है. हालांकि इसकी अनुमति साल में सिर्फ 15 दिनों के लिए ही मिल सकती है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चूंकि लाउडस्पीकर बजाने के लिए एक निश्चित समयसीमा तय है. इसलिए शादी ब्याह में भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी. हालांकि, मुख्यमंत्री ने अपने आदेश में शादी ब्याह का कोई जिक्र नहीं किया है.
देशभर में सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत है, लेकिन अगर आपको सार्वजनिक स्थल पर इसका इस्तेमाल करना है तो इसके लिए पुलिस या स्थानीय प्रशासन से अनुमित लेना अनिवार्य है. इसके लिए आपको प्रशासन को लिखित दरख्वास्त देनी होगी. हालांकि, अनुमति प्रदान करने या न करने का पूरा अधिकार प्रशासन के पास है. वे चाहे तो आपको अनुमति दे या ना दे.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने चार अलग इलाकों के आधार पर साउंड के मापदंड तय किए हैं. इसमें कमर्शियल, रेसिडेंशियल, साइलेंस और इंडस्ट्रियल इलाके शामिल हैं. इंडस्ट्रियल इलाके में आवाज का पैमाना 75 डेसीबल और रात के वक्त 70 डेसीबल निर्धारित किया गया है. साइलेंस जोन में दिन के वक्त 50 डेसीबल और रात के वक्त 40 डेसीबल की आवाज सीमा तय है.
वहीं, कमर्शियल इलाके में लाउडस्पीकर बजाने के लिए दिन के वक्त 65 और रात के वक्त 55 डेसीबल की साउंड स्पीड तय की गई है, जबकि रिहायशी इलाके में दिन 55 और रात में 45 डेसीबल स्पीड से लाउडस्पीकर बजाया जा सकता है.