भोपाल : sunil paliwal
राजधानी भोपाल में बीआरटीएस को हटाए जाने की लंबे समय से उठ रही मांग को हरी झंडी मिल गई है। 13 साल पहले 360 करोड़ रुपये से बनाए गए इस कॉरिडोर को अब चरणबद्ध तरीके से इसे हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में भोपाल में बीआरटीएस को हटाने पर सहमति बन गई है। इसमें सभी जन प्रतिनिधियों ने भी इसे हटाए जाने पर अपनी सहमति दी।
बैठक में मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, भोपाल की महापौर मालती राय, मुख्य सचिव वीरा राणा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राघवेन्द्र सिंह, सचिव विवेक पोरवाल, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण सुखवीर सिंह, कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा एवं कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में राजधानी में बीआरटीएस की लंबाई के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध रूप से हटाने एवं सड़क के समतलीकरण एवं सुगम यातायात के अनुकूल मार्ग के विकास के कार्यों की योजना पर भी बातचीत हुई। इस बैठक के साथ ही लोक निर्माण विभाग की ओर से वीआईपी रोड (लेक) कॉरिडोर के प्रस्ताव पर भी प्रस्तुतीकरण एवं चर्चा हुई।
बनेगा सेंट्रल रोड डिवाइडर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीआरटीएस से पैदा हुई अनेक समस्याओं के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से बातचीत हुई। भोपाल जिले के विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जिनमें मंत्री गण और विधायकगण शामिल हैं। उनसे भी अनेक सुझाव प्राप्त हुए। बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर सर्वसम्मति से भोपाल के बीआरटीएस को हटाने का निर्णय लिया गया।