हस्तरेखा शास्त्र अनुसार व्यक्ति के हाथ का विश्लेषण करके उसके भविष्य और व्यक्तित्व के बारे में पता लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि हाथ में कई पर्वत, रेखाएं और वलय होते हैं। आपको बता दें कि हाथ में प्रमुख 4 वलय पाये जाते हैं। 1- शुक्र वलय 2- गुरु वलय 3- शनि वलय 4- सूर्य वलय। आपको बता दें कि हाथों की उंगलियों के नीचे एक छल्लेदार आकृति होती है. इस आकृति को वलय कहा जाता है। आइए जानते हैं इन वलय का मानव जीवन में क्या महत्व होता है…
हस्तरेखा शास्त्र अनुसार शुक्र वलय सूर्य के बगल से शुरू होता है और शनि के बगल तक जाता है। जिन लोगों के साथ में शुक्र वलय होता है। वह लोग लग्जरी लाइफ जीने के शौकीन होते हैं। साथ ही इन लोगों का व्यक्तित्व आकर्षक होता है। जो भी व्यक्ति इनसे मिलता है, वो इनका फैन हो जाता है। वहीं ये लोग लाइफ में ऐश से जीत हैं और ये वर्तमान में भी जीते हैं। घूमने- फिरने के शौकीन होते हैं। इनके चरित्र में कमजोरी की संभावना भी रहती है।
सूर्य की उंगली के नीचे पाया जाने वाला छल्ला सूर्य का वलय है। ये अनामिका उंगली के नीचे पाया जाता है। लेकिन इसका हाथ में होना अच्छा नहीं माना जाता है। मतलब यह सूर्य देव को कमजोर बनाता है। साथ ही ऐसे लोगों को किस्मत का बहुत कम साथ मिलता है। साथ ही जीवन में अपयश रहता है। बॉस और पिता के साथ मनमुटाव रहता है। वहीं ऐसे लोगों का जीवन साधारण होता है और इनकी आर्थिक स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं रहती है और ऐसे लोगों को आत्मविश्वास की कमी रहती है।
हस्तरेखा शास्त्र अनुसार गुरु का वलय शुभ माना जाता है। बृहस्पति की उंगली यानी तर्जनी उंगली को घेरता हुआ ये छल्ला होता है। जिस व्यक्ति के हाथ में यह वलय होता है। ऐसे लोग आस्तिक होते हैं। साथ ही इनकी धार्मिक और मांगलिक कार्यों में रूचि होती है। वहीं ये व्यक्ति को दैवीय गुण प्रदान करता है। साथ ही व्यक्ति को भौतिक सुखों से लगाव नहीं होता है और वह सन्यासी की तरह जीवन जीता है।
शनि की उंगली को घेरता हुआ ये छल्ला होता है। साथ ही इसकी शुरुआत तर्जनी उंगली और मध्यमा उंगली के मध्य से होती है। ये वलय भी शुभ नहीं माना जाता है और यह बहुत कम लोगों के साथ में मिलता है। ये वलय शनिदोष को उत्पन्न करता है। साथ ही ऐसे लोगों की आर्थिक स्थति कमजोर रहती है और ये लोग किसी न किसी रोग से घिरे रहते हैं।