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Diwali 2024 : दिवाली पर मां लक्ष्मी के सामने ऐसे रखें गाय का घी, घर में आएंगीं खुशियां, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

ज्योतिषी Published by: Pushplata Updated Thu, 31 Oct 2024 09:42 AM
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Diwali 2024 Upay Puja Muhurat: पंचांग मतभेद के चलते दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर गुरुवार और 1 नवंबर दोनों दिन मनाया जा रहा है।

ऐसे में यदि आप भी दीपावली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य से कि गुरुवार और शुक्रवार को दीपावली का सबसे शुभ मुहूर्त क्या है, इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा सकते हैं।

दीपावली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय

श्रीयंत्र की स्थापना

दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप लक्ष्मी जी के सामने श्रीयंत्र स्थापित करें। आपको बता दें श्रीयंत्र मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है। ऐसे में घर के मंदिर में मां लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने श्रीयंत्र की विधि पूर्वक स्थापना करें।

गाय का घी

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए गाय के घी का उपाय जरूर करें। मां की प्रतिमा या चित्र के सामने एक खुली कटोरी में गाय का घी रखें। उसे रातभर खुला रहने दें। दूसरे दिन इस कटोरी के घी को पूजा में दीपक जलाने के लिए इस्तेमाल कर लें।

कलम का फूल

मां लक्ष्मी को कमल का फूल बेहद प्रिय है। इसलिए लक्ष्मी जी को कमल का फूल जरूर चढ़ाएं। अगर कमल का फूल न मिले तो लाल फूल भी चढ़ा सकते हैं।

दक्षिण मुखी शंख

मां लक्ष्मी की तरह ही शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई है। ऐसे में आपको आप मंदिर में दक्षिणमुखी शंख जरूर रखना चाहिए। आप ध्यान रखें कि शंख की दिशा उत्तर मुखी हो।

गुलाब का इत्र

मां लक्ष्मी को खुशबू बहुत पसंद है। इसलिए दीपावली के दिन मां लक्ष्मी के समक्ष गुलाब का इत्र जरूर रखें। इससे मां लक्ष्मी का साथ आपके साथ हमेशा बना रहेगा।

दीपावली का सबसे शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न में

ज्योतिषाचार्य के अनुसार घरों में मां लक्ष्मी की पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न में माना जाता हैं। 31 अक्टूबर को सायंकाल में 6.25 से 8.17 तक वृष लग्न आ रही है। जो स्थिर लग्न है। इस मुहूर्त में घरों में पूजा करना सबसे श्रेष्ठ रहेगा।

31 अक्टूबर को दीपावली का शुभ मुहूर्त

प्रात:- 7.39 में 9:56 तक वृश्चिक

दोपहर:- 1.49 से 3.20 तक कुम्भ

सायंकाल- 6.25 से 8.17 तक वृष

निशा पूजा:- 11.45 से 12.15 तक अभिजीत

मध्यरात्रि:- 12.53 से 3.7 तक सिंह

(चौघड़िया)

प्रातः – 6.00 से 7.30 तक चर

प्रात: 7.30 से 9.00 लाभ

प्रात: 9.00 से 10.30 अमृत

दोपहर 12.00 से 1.30 तक शुभ

शाम – 4.30 से 6.00 चर

रात्रि -9.00 से 10.30 तक लाभ

निशा पूजा – 1.30 तक 3:00 अमृत

1 नवंबर शुक्रवार के मुहूर्त

प्रातः – 7.35 से 6:52 तक वृश्चिक

दोपहर – 1.45 से 3.16-तक कुम्भ

सायंकाल:- 6:21 से 8:17 तक वृष

निशापूजा:- 11.45 से 12.15 तक अभिजित

मध्यरात्रि :- 12.49 नि ३.03 तक सिंह

(चौघड़िया)

प्रातः 6.00 से 7.30 तक चर

प्रात:- 7.30 से 9,00 तक लाभ

प्रातः 9:00 से 10.30 तक अग्रत

दोपहर 12.00 से 11:30 तक शुभ

शाम 4.30 से 6:00 तक चर

रात्रि- 9:00 में 10.30 तक लाभ

निशापूजा: 12.00 से 1.30 तक शुभ

निशापूजा 1.30 से 300 तक अमृत

31 अक्टूबर को दीपावली का शुभ मुहूर्त

प्रात:- 7.39 में 9:56 तक वृश्चिक

दोपहर:- 1.49 से 3.2० तक कुम्भ
सायंकाल:-  6.25 से 8.17 तक वृष
निशापूजा:- 11.45 से 12.15 तक अभिजीत
मध्यरात्रि:-12.53 से 3.7 तक सिंह

(चौघड़िया)

प्रातः – शुभ 6.00 से 7.30 तक चर

प्रात: 7.30 से 9.00 लाभ

प्रात: 9.00 से 10.30 अमृत

दोपहर 12.00 से 1.30 तक शुभ

शाम – 4.30 से 6.00 चर

रात्रि :-9.00 से 10.30 तक लाभ

निशा पूजा :- 1.30 तक 3:00 अमृत

 

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