रत्नों को प्रकृति का हमें दिया गया अनमोल और बेजोड़ उपहार माना जाता है। ज्योतिष विद्या में रत्नों का विशेष महत्व बताया गया है। विभिन्न प्रकार के रत्नों को धारण करके जहां ग्रह दशा और दरिद्रता दूर की जा सकती है। वहीं इन्हीं रत्नों के माध्यम से स्वास्थ्य की समस्याओं से भी छुटकारा पाया जा सकता है। ऐसे ही 12 रत्नों के बारे में जिनको धारण करके आप स्वास्थ्य की 12 समस्याएं दूर कर सकते है।
यह पन्ना का उपरत्न है, जिसका ज्योतिष में विशेष महत्व बताया गया है। इसको धारण करने से आपके आस-पास की वायु शुद्ध होती है और सांस की तकलीफें दूर होती हैं। ओनेक्स घर की निगेटिव एनर्जी को भी समाप्त करता है।
ज्योतिष में स्फटिक को लव स्टोन भी कहते हैं। यह तनाव और चिड़चिड़ापन दूर करता है। साथ ही दिमाग की उलझन को भी कम करता है। शुक्र ग्रह से संबंधित होने के कारण इसे प्रेम संबंधी मामलों के लिए भी शुभ माना गया है।
यह सिरदर्द और थकान को दूर करके आपको राहत देता है। इसके साथ ही अच्छी नींद के सुंदर स्वप्न को भी बढ़ावा देता है। यह त्वचा के लिए भी अच्छा माना जाता है और साथ ही हड्डियों और जोड़ों को भी मजबूती प्रदान करता है।
इसको गुरुवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। यह रत्न एकाग्रता बढ़ाने के साथ ही याददाश्त को मजबूत करता है और साथ ही रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है।
यह एक बहुत ही प्राचीन रत्न है। इसका प्रयोग माइग्रेन से राहत पाने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा यह प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करता है।
इसको धारण करने से व्यक्ति को एक नई ऊर्जा का एहसास होता है। साथ ही यह रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है। ओपल को पहनने से व्यक्ति को सिरदर्द की समस्या से मुक्ति मिलती है।
पुखराज को ज्योतिषियों का पसंदीदा रत्न माना जाता है। यह हॉर्मोन का संतुलन बनाए रखने के साथ ही व्यक्ति को जवां बनाए रखता है।
इसे एक्वामरीन भी कहते हैं। इसको पहनने से व्यक्ति को पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलता है। यह गैस बनने की समस्या को दूर करके व्यक्ति के पाचक को सही रखता है।
यह व्यक्ति की एड्रीनल ग्रंथि के स्त्रावण को नियमित करता है। इसके साथ खून को भी शुद्ध करता है। इसके अलावा सिरदर्द की समस्या को भी दूर रखता है।
ज्योतिष में राहु की दशा होने पर गोमेद पहनने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही यह रत्न पीठ के दर्द से राहत दिलाता है। यह शरीर से कैल्सियम की कमी को दूर करके शरीर में टिश्यू का फिर से निर्माण करता है।
इसको धारण करने वाले जातकों के लिए रामबाण का काम करता है। इसको धारण करने से ब्लड प्रेशर की समस्या दूर रहती है और ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है। यह सर्दी जुकाम की समस्या को भी दूर रखता है।
यह आपके शरीर से दूषित पदार्थों को दूर करने में मदद करता है। साथ ही तनाव और अवसाद की स्थित में भी लाभ पहुंचाता है।
ऊँकार लब्धि साधना केंद्र : जैन ज्योतिष वास्तु
तेजस गुरूजी- अमदावाद
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