लावा सरदारगढ़. जीवन में मंदिर को भूमि दान करना आध्यात्मिक और धर्मार्थ कार्य है, जिसके परिणाम स्वरुप व्यक्ति को लोक परलोक में उत्तम फल प्राप्त होता है.
यह विचार पूर्व न्यायाधीश डॉ. बसंती लाल बाबेल ने चारभुजा मंदिर परिसर में शनिवार रात्रि आयोजित भामाशाह सम्मान कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों के समक्ष व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के दान में भूमि दान का महत्व अधिक और पवित्र होता है. इसका पुण्य अक्षय होता है, जो कभी व्यर्थ नहीं जाता.
भगवान चारभुजा नाथ मंदिर को बाबेल परिवार द्वारा अपनी जमीन भेंट कर मिसाल काम करने वाले भामाशाह का इस अमूल योगदान के लिए सम्मान किया गया. चारभुजा नाथ मंदिर के पास ही भामाशाह सोहनलाल बाबेल की बेस्ट कीमती दुकान की जमीन को भामाशाह सोहनलाल बाबेल ने अपनी पत्नी स्वर्गीय लक्ष्मी बाई की स्मृति में भैंट की.
चारभुजा मंदिर कमेटी, भाजपा ग्रामीण मंडल, तेरापंथ सभा, मंडपरी महादेव व्यवस्था कमेटी, जगन्नाथ गोपाल गौशाला, अणुव्रत समिति आदि संगठनों ने भामाशाह सोहन लाल बाबेल, नरेंद्र बाबेल, दिनेश बाबेल, कमलेश बाबेल, अरुणा देवी, सीमा बाबेल, रीना, सायर देवी आदि का मेवाड़ी पगड़ी एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित कर आभार जताया.
इस मौके पर चारभुजा मंदिर कमेटी के अध्यक्ष दुर्गेश जोशी, जगदीश दास वैष्णव, भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष कैलाश सुथार, जगन्नाथ गोपाल गौशाला के कोषाध्यक्ष गजेंद्र मालवीया, पूर्व बीईईओ सत्यदेव शर्मा, पीरू लाल देशांतरी, तेरापंथी सभा अध्यक्ष भैरूलाल बापना, पूर्व उपसरपंच लक्ष्मण लाल माली, समाजसेवी संजीव जोशी, कैलाश सोनी, पूर्व सरपंच गायत्री जोशी, नारायण लाल प्रजापत, रोशन लाल माली, पुजारी बिटू शर्मा, जमनालाल सोनी समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े अनेक ग्रामीण उपस्थित थे.