मध्यप्रदेश । मामला जिला मुख्यालय की तहसील ग्यारसपुर के गांव पुरा गोसाई का है, जहां के एक छोटे किसान ने अपनी धान की फसल को मौसमी रोगों से बचाने के लिए विदिशा के हरीपुरा स्थित एक कीटनाशक दवा विक्रेता से दवा खरीदी, वह दवा छिड़कते ही लगभग चार-पांच घंटे में ही लहलहाती हरी हरी फसल पीली पड़ गई, जब इस संबंध में दवा विक्रेता से किसान ने बात की तो दवा विक्रेता ने किसान को कहीं शिकायत न करने को कहते हुए कहा कि आप दूसरी दवाई ले जाइए आपकी मरी हुई फसल पुनः जीवित हो जाएगी, किसान ने दवा विक्रेता की बात पर विश्वास करते हुए दवा ली और उस मरी हुई फसल पर दवा का छिड़काव किया, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला, फसल के लिए दवा ने संजीवनी का काम नहीं किया जिसका दावा दवा विक्रेता ने किया था। जिससे किसान चिंतित हो उठा और भविष्य में आने वाले आर्थिक संकट व घर पर विवाह योग्य बिटिया होने से हताश और निराश है। उपरोक्त मामले की शिकायत किसान ने विदिशा कलेक्टर डॉ. पंकज जैन से की और अपनी बर्बाद हो चुकी फसल का मुआवजा दुकानदार से दिलवाने एवं उचित कार्यवाही की मांग की,गौरतलब है कि जिले भर में नकली कीटनाशक दवाइयों का कारोबार अधिकारियों की मिलीभगत से जोरों पर है भोले-भाले किसानों को नकली दवाइयां महंगे दामों पर बेचकर दवा विक्रेता चांदी काट रहे हैं। ठगे हुए किसानों द्वारा शिकायत करने पर कार्यवाही के नाम पर लीपापोती कर दी जाती है। विदिशा कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने किसान की शिकायत पर जांच कर उचित कार्यवाही की बात कही।