ET की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी सूचना नोटिस आकलन वर्ष 2023-24 के लिए दाखिल किए गए टैक्स रिटर्न के लिए भेजे गए थे और सभी नोटिस पिछले 15 दिनों में भेजे गए हैं। इनमें से लगभग 12,000 नोटिस वेतनभोगी करदाताओं को भेजे गए थे, जहां उनके रिटर्न में दावा किए गए कर कटौती और विभाग के रिकॉर्ड के बीच अंतर 50,000 रुपये से अधिक था। हालांकि, न्यूज24, paliwalwani.com इस रिपोर्ट की पुष्टी नहीं करता।
इसके अतिरिक्त, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) स्थिति के तहत कर रिटर्न दाखिल करने वाले लगभग 8,000 करदाताओं को सूचना नोटिस भेजे गए थे, जहां उनके रिटर्न और आईटी विभाग द्वारा रखे गए डेटा के बीच आय असमानता 50 लाख रुपये से अधिक थी।
900 हाई नेटवर्थ वाले व्यक्तियों (HNIs) के लिए, असमानता 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक थी, और 1,200 ट्रस्टों और साझेदारी फर्मों के लिए, असमानता 10 करोड़ रुपये से अधिक रही। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये नोटिस इन करदाताओं से कर घोषणाओं में विसंगतियों को दूर करने और सुधार करने के लिए भेज गए हैं।
प्राथमिक डेटा विश्लेषण ने लगभग 2 लाख करदाताओं के कर रिटर्न में अनियमितताओं और विसंगतियों की पहचान की है। ये विसंगतियां मुख्य रूप से उनके कर रिटर्न में प्रदान की गई आय घोषणाओं, व्यय या बैंक खाते के विवरण और आईटी विभाग द्वारा एकत्र किए गए डेटा के बीच विसंगतियों से संबंधित हैं, जो उनके बैंक या यूपीआई खातों से जुड़े लेनदेन पर आधारित है। यह डेटा विश्लेषण कर अनुपालन और वित्तीय रिपोर्टिंग में सटीकता सुनिश्चित करने के विभाग के प्रयासों का एक हिस्सा है।