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Cyber Police : वेब डेवलपर ने विदेशी नागरिक को लगाया 1 करोड़ का चूना

इंदौर Published by: paliwalwani Updated Sat, 06 Jul 2024 10:00 AM
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Cyber Police : वेब डेवलपर ने विदेशी नागरिक को लगाया 1 करोड़ का चूना
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Cyber Police : Web Developer : Mobile Application : 1 Crore

इंदौर. साइबर पुलिस की इंदौर शाखा ने बुधवार को एक वेब डेवलपर (Web Developer) को मोबाइल एप्लीकेशन (Mobile Application) बनाने के नाम पर एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक से 1 करोड़ (1 Crore) रुपये की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. जालसाज वेब डेवलपर एक फ्रीलांसिंग वेबसाइट के जरिए विदेशी नागरिक के संपर्क में आया था. आरोपी ने एप्पल प्रोडक्ट्स पर चलने के लिए स्पेशल एप्लीकेशन बनाने के बहाने ऑस्ट्रेलियाई नागरिक से 1 करोड़ रुपये लिए थे. आरोपी की पहचान ग्रीन पार्क कॉलोनी निवासी मयंक सलूजा के रूप में हुई है.

साइबर सेल ने आरोपी से एक वेबसाइट की होस्टिंग का स्वामित्व भी बरामद किया. एसपी (साइबर सेल) जितेंद्र सिंह ने बताया कि 9 मई 2023 को एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एक व्यक्ति ने एप्पल कंपनी के साथ मिलकर उसके लिए प्रोजेक्ट बनाने के बहाने 1.77 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (करीब 1 करोड़ रुपये) लिए हैं. ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने इंदौर के एक शख्स को शिकायत दर्ज कराने के लिए अधिकृत किया था.

मामले की जांच और आरोपी की पहचान के लिए डीएसपी नरेंद्र रघुवंशी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी. अधिकारियों ने स्थानीय शिकायतकर्ता के बयान लिए थे. बाद में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दर्ज किया गया. साइबर सेल के अधिकारियों ने उससे लेन-देन का विवरण जुटाया.

पीड़ित ने अधिकारियों को बताया कि उसने आरोपी द्वारा बताए अनुसार किश्तों में पैसे ट्रांसफर किए हैं. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी एक वेब डेवलपर है और ऑस्ट्रेलिया से शिकायतकर्ता ने एक वेबसाइट के माध्यम से उससे संपर्क किया था.

शिकायतकर्ता ने उसे वीडियो कॉलिंग और कॉन्फ्रेंसिंग के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कहा और अपने वेब ब्राउजर की कुछ जानकारी भेजी. फिर आरोपी ने उसे बताया कि उसे Apple के वेब ब्राउज़र पर अपना एप्लिकेशन चलाने में कठिनाई हो रही है और iPhone, iPad, MacBook आदि पर चलाने के लिए एक स्पेशल एप्लिकेशन बनाने के लिए टेक्निकल कोड की जरूरत है. बाद में आरोपी ने पीड़ित विदेशी नागरिक से Apple कंपनी का पार्टनर बनने और कंपनी के शेयर खरीदने के बहाने पैसे लिए, लेकिन उसने पीड़ित को शेयर सर्टिफिकेट्स नहीं दिया. उसने आगे यह कहते हुए पैसे मांगे कि उसे इसके लिए एक NGO बनाने की जरूरत है.

इधर आरोपी को एफआईआर के बारे में जानकारी मिली तो उसने कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने की कोशिश की थी, लेकिन कोर्ट द्वारा उसकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई थी. आरोपी ने अपना पुराना घर भी बेच दिया था, इसलिए साइबर सेल के अधिकारियों को उसे गिरफ्तार करने में थोड़ी परेशानी भी हुई. आरोपी ने अधिकारियों को बताया कि विदेशी नागरिक ने एक वेबसाइट का डोमेन खरीदा था और आरोपी ने उस पर काम करने के बहाने डोमेन लिया था. वेबसाइट की होस्टिंग भी उसने आरोपी को ट्रांसफर कर दी थी. आरोपी शिकायतकर्ता की वेबसाइट पर काम कर रहा था और विदेशी नागरिक अपनी वेबसाइट के कंट्रोल पैनल तक नहीं पहुंच पा रहा था. अधिकारियों ने ईमेल के जरिए एप्पल कंपनी और स्काइप को भी जानकारी भेजी है और मामले की आगे की जांच जारी है.

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