Thursday, 13 November 2025

धर्मशास्त्र

शारदीय नवरात्रि : अखंड ज्योति का महत्व : भूलकर भी ना करें ये 7 गलतियां, नाराज होंगी देवी मां

sunil paliwal-Anil Bagora
शारदीय नवरात्रि : अखंड ज्योति का महत्व : भूलकर भी ना करें ये 7 गलतियां, नाराज होंगी देवी मां
शारदीय नवरात्रि : अखंड ज्योति का महत्व : भूलकर भी ना करें ये 7 गलतियां, नाराज होंगी देवी मां

हिंदू धर्म में मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ अवतारों को पूजा जाता है. आज शारदीय नवरात्रि की शुरुआत है, माना जाता है कि दौरान जिसने भी सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा कर ली तो समझिए कि उसकी जिंदगी के सारे कष्ट खत्म होने वाले हैं. 

बता दें कि इस बार की नवरात्रि नौ दिन की जगह 10 की पड़ेगी. लोग मां दुर्गा को पसंद करने के लिए अपनी पूजा में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं. हालांकि कई बार जाने-अनजाने में लोगों से कुछ गलतियां जरूर हो जाती है. माना जाता है, इन गलतियों की वजह से मां दुर्गा निराश होती हैं. नीचे जानिए कि शारदीय नवरात्रि में किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?

शारदीय नवरात्रि में जिन लोगों को व्रत रखना है, उन्हें इस दौरान नींबू का सेवन गलती से भी नहीं करना चाहिए. व्रत के दौरान कई लोग दिन में सोने की कोशिश करते हैं, ताकि एनर्जी को बचाया जा सकें. हालांकि शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में ऐसा नहीं करना चाहिए.

पूरे नवरात्रि लेदर की चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए

वहीं ऐसी मान्यता है कि इस दौरान बाल और नाखून को काटने से बचना चाहिए. इस दौरान सेविंग भी नहीं करनी चाहिए. शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाने की परपंरा है, अगर आप भी ऐसा करने वाले हैं तो कोशिश करें कि पूरी नवरात्रि घर को खाली छोड़कर नहीं जाया जाए.

मां दुर्गा की पूजा के समय इस बात पर भी विशेष ध्यान दें कि इस दौरान किसी भी चीज के लिए बीच में ना उठें. ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है. अमूनन ऐसा होता है कि पूजा में शामिल करने के लिए किसी चीज को लाने के लिए लोग उठ जाते हैं. कोशिश करें कि पूजा शुरू होने से पहले ही आप सारा सामान पास रख लें. शारदीय नवरात्रि के दौरान हर दिन स्नान करना चाहिए. पूरी तरह से स्वच्छ होने के बाद ही मां दुर्गा की पूजा में शामिल हों.

अखंड ज्योति जलाने के नियम (Akhand Jyoti Jalane Ke niyam)

अखंड ज्योति को जलाने से पहले मन में नौ दिनों तक इसे प्रज्ज्वलित रखने का संकल्प लें. ज्योति के लिए पीतल या मिट्टी का दीया इस्तेमाल करें और इसे सीधे जमीन पर न रखकर एक चौकी या पाटे पर स्थापित करें. ज्योति जलाने के लिए गाय के शुद्ध घी का उपयोग करना सर्वोत्तम माना जाता है. यदि यह संभव न हो तो आप तिल या सरसों के तेल का भी उपयोग कर सकते हैं.

देवी को अर्पित करें ये चीजें

  • श्रृंगार सामग्री
  • शीशा, लाल चुनरी, नथ, गजरा, बिंदी, काजल,  
  • मेहंदी, महावर, शीशा, बिछिया, इत्र,
  • चोटी, पायल, मांग टीका, चूड़ियां, सिंदूर
  • लिपस्टिक, रबर बैंड,कान की बाली, कंघी,

यदि ज्योति बुझ जाए तो क्या करें?

अगर पूरी सावधानी के बावजूद ज्योति बुझ जाए, तो घबराएं नहीं. तुरंत देवी से क्षमा-प्रार्थना करते हुए और उनके मंत्रों का जाप करते हुए ज्योति को दोबारा जला दें. याद रखें कि इस साधना में आपकी श्रद्धा और भावना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. सच्ची निष्ठा से की गई पूजा को देवी अवश्य स्वीकार करती हैं.

अखंड ज्योति का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है और मां भगवती की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस ज्योति के प्रकाश से परिवार के सदस्यों को आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. यह परिवार की सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोषों को भी समाप्त करती है.

शारदीय नवरात्र 2025 तिथि लिस्ट (Kab Hogi Kis Devi Ki Puja?)

22 सितंबर 2025 नवरात्र पहला दिन - मां शैलपुत्री

23 सितंबर 2025 नवरात्र दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी

24 सितंबर 2025 नवरात्र तीसरे दिन - मां चंद्रघंटा

25 सितंबर 2025 नवरात्रि तीसरे दिन - मां चंद्रघंटा

26 सितंबर 2025 नवरात्रि चौथा दिन - मां कूष्माण्डा

27 सितंबर 2025 नवरात्रि पांचवां दिन - मां स्कंदमाता

28 सितंबर 2025 नवरात्रि छठा दिन - मां कात्यायनी

29 सितंबर 2025 नवरात्रि सातवां दिन - मां कालरात्रि

30 सितंबर 2025 नवरात्रि आठवा दिन - मां महागौरी/ सिद्धिदात्री

01 अक्टूबर 2025 नवरात्रि नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री

घटस्थापना शुभ मुहूर्त (Kalash Sthapana Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 सितंबर 2025 को घटस्थापना का शुभ समय सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगा. वहीं, अभिजीत मुहूर्त11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भी साधक घटस्थापना कर सकते हैं.

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● Disclaimer :इस लेख में दी गई ज्योतिष जानकारियां और सूचनाएं लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं. इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं. पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. पालीवाल वाणी इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले इससे संबंधित पंडित ज्योतिषी से संपर्क करें तथा चिकित्सा अथवा अन्य नीजि संबंधित जानकारी के लिए अपने नीजि डॉक्टरों से परार्मश जरूर लीजिए. पालीवाल वाणी तथा पालीवाल वाणी मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है.
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