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खुशखबरी : सरकार ने प्रॉपर्टी गाइडलाइन दरों में 40% की छूट देने का आदेश जारी किया, 31 मार्च तक उठा सकते है लाभ

Paliwalwani
खुशखबरी : सरकार ने प्रॉपर्टी गाइडलाइन दरों में 40% की छूट देने का आदेश जारी किया, 31 मार्च तक उठा सकते है लाभ
खुशखबरी : सरकार ने प्रॉपर्टी गाइडलाइन दरों में 40% की छूट देने का आदेश जारी किया, 31 मार्च तक उठा सकते है लाभ

सरकार ने जमीन की गाइडलाइन दरों में 40% छूट दिए जाने का आदेश जारी कर दिया है। जमीन खरीदने पर इस विशेष छूट का लाभ राज्य के लोग इस साल 31 मार्च तक उठा सकेंगे। अभी तक गाइड लाइन की दरों में 30% की छूट दी जा रही थी। सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट कारोबार में बड़ी राहत की उम्मीद की जा रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में एक फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 की शेष अवधि के लिए गाइड लाइन की दरों को 30% से घटाकर 40% करने का फैसला हुआ था। पंजीयन विभाग ने सोमवार को गाइड लाइन दर में 40% छूट दिए जाने का आदेश जारी कर दिया। यानी अब गाइडलाइन दर 10% अधिक कम हो गई है। मतलब यह कि इन दो महीनों तक 10 लाख की प्रापर्टी की गाइडलाइन दर पर एक लाख रुपए कम हो जाएगा।

रियल एस्टेट कारोबारी ने बताया, सरकार की इस नई छूट से जमीन के बाजार भाव और गाइडलाइन दर में समानता बढ़ेगी। जमीन की खरीदी-बिक्री में तेजी आएगी। कई लॉक प्रॉपर्टी के बिकने की उम्मीद बढ़ गई है। लोगों को फायदा होगा। जमीनें बिकेंगी तो सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। यह अच्छी पहल है, लेकिन अगर पंजीयन शुल्क में भी सरकार थोड़ी कटौती करती तो 75 लाख तक की प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोगों को काफी बचत होती। सरकार ने मकानों के मामले में पंजीयन शुल्क 2% और जमीन के मामले में 5% किया है। पहले यह 0.08% और 4% थी। यह 2% तक रहती तो लोगों के लिए अधिक फायदेमंद होती।

कैसे प्रभावित करती है यह गाइडलाइन दर

किसी शहर में जमीन की खरीद-फरोख्त का पंजीयन कलेक्टर गाइडलाइन में तय की गई कीमत के आधार पर होता है। उसी आधार पर पंजीयन शुल्क की गणना होती है। मान लें कि किसी जमीन का बाजार भाव 20 लाख रुपए है। अगर वहां की गाइडलाइन दर 30 लाख रुपए हो तो पंजीयन शुल्क 30 लाख की दर से अदा करना होगा। यह महंगा पड़ेगा।

जमीन खरीदार को होने वाले लाभ को ऐसे समझें

कोई व्यक्ति शहर के किसी इलाके में हजार वर्ग फीट की जमीन खरीदता है, जिसका कलेक्टर गाइडलाइन रेट 1000 रुपए वर्ग फीट है। गाइडलाइन रेट के हिसाब से उसे 10 लाख रुपए में स्टांप ड्यूटी 6.25 प्रतिशत लगेगी, यानी 62500 रुपए के स्टांप खरीदने होंगे।

पिछले तीन साल से 30 प्रतिशत छूट है, यानी इसी हजार वर्ग फीट जमीन के लिए 7 लाख रुपए में 6.25 प्रतिशत के हिसाब से 43500 रुपए के स्टांप खरीदे जा रहे हैं। अब 10 प्रतिशत छूट और मिल गई है। यानी इसी जमीन के लिए 6 लाख रुपए पर 6.25 प्रतिशत के हिसाब से 37500 रुपए के स्टांप ही खरीदने होंगे। अब लोगों को 10 लाख तक की जमीन खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में 25000 रुपए का फायदा होगा।

  • मिडिल क्लास फैमिली निजी और सरकारी योजनाओं में पुरानी कीमत पर ही जमीन की खरीदी कर सकेगी।
  • जिन्होंने चार साल पहले जमीन नहीं खरीदी वे अभी भी उसी कीमत पर बल्कि थोड़ी कम में खरीदी करेंगे।
  • जमीन की कीमत नहीं बढ़ने की वजह से फिलहाल मकान, फ्लैट और डुप्लेक्स बंगलों की कीमतें नहीं बढ़ेंगी।
  • रियल एस्टेट कारोबार एक बार फिर उछलेगा, ज्यादा मकान बेचने बिल्डर जल्द नए ऑफर बाजार में लाएंगे।

आउटर के इलाकों में जमीन और सस्ती होगी

शहर के बड़े बाजार जैसे जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड, पंडरी, एमजी रोड, केके रोड, सदरबाजार और स्टेशन रोड में लोग जमीन की खरीदी बढ़ा सकते हैं। इन बाजारों में जमीन की कीमत सीधे-सीधे 1000 से 1200 रुपए वर्गफीट कम हो जाएगी। इसी तरह के शहर की पॉश कॉलोनियां शंकरनगर, शैलेंद्रनगर, देवेंद्रनगर, टैगोरनगर, समता कॉलोनी, चौबे कॉलोनी, अवंति विहार, अमलीडीह में भी जमीन की खरीदी बढ़ेगी। इसके अलावा आउटर में सड्डू, मोवा, कचना, संतोषी नगर, पचपेड़ीनाका, रिंग रोड-1 और 2 तथा रिंग रोड-3 पर मंदिरहसौद से धनेली तक, मठपुरैना, भाठागांव, लालपुर, देवपुरी, डूमरतराई, डूंडा से बोरिया होकर सेजबहार तक, बोरियाकला, माना बस्ती, कुम्हारपारा, शीतलापारा, ट्रांसपोर्टनगर, सरोना, बीरगांव, चंदनीडीह, तरुण नगर आदि एरिया की जमीन पहले से और सस्ती होगी।

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