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UP Election 2020 : अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे योगी, कट सकता है 60 विधायकों का टिकिट - आज कल में हो सकता है नामों का ऐलान

उत्तर प्रदेश Published by: Paliwalwani Updated Thu, 13 Jan 2022 05:13 PM
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उत्तरप्रदेश । भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली स्थित मुख्यालय से बड़ी खबर आ रही है। यहां चल रही केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक खत्म हो गई है। इसमें पहले, दूसरे और तीसरे चरण की 172 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, चुनाव समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की मंजूरी दे दी है। इसी तरह डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी के सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। 

आज शाम या कल तक होगा नामों का एलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान समेत कई बड़े नेताओं ने शिरकत की थी। बताया जाता है कि आज शाम या कल तक सभी प्रत्याशियों के नामों का एलान हो जाएगा। 

60 विधायकों के टिकट कटने की चर्चा

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने पहले तीन चरण की  60 सीटों पर मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का फैसला लिया है। यही कारण है कि कई विधायक और मंत्री मौका देखते ही दूसरी पार्टी में पलायन करने लगे हैं। 

अमित शाह से मिलीं अनुप्रिया पटेल व संजय निषाद

ताजा जानकारी के मुताबिक, अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल व निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद तथा उनके पुत्र प्रवीण निषाद ने बुधवार रात दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर सीटों के बंटवारे पर बातचीत की। हालांकि दोनों दलों के नेता सीटों के बारे में अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।

भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि अनुप्रिया ने अवध व बुंदेलखंड की आधा दर्जन सीटों समेत दो दर्जन सीटों पर दावा किया है जबकि संजय निषाद ने भी दस से ज्यादा सीटों की मांग रखी है। दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि उन्होंने अमित शाह के सामने अपनी बात रख दी है। एक दो दिन में सीटों पर स्थिति साफ होने की उम्मीद है।

जाटों को पहले से ज्यादा मिल सकते हैं टिकट

विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में सपा और रालोद के गठबंधन की धार कुंद करने के लिए भाजपा जाट समाज के नेताओं को 2017 की तुलना में ज्यादा टिकट देगी। 2017 में पार्टी ने सरदार बलदेव सिंह औलख सहित 16 जाट उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से बागपत की छपरौली और संभल की असमौली सीट हारी थी। जबकि शेष 14 सीटों पर भाजपा जीती थी। 2018 में छपरौली से रालोद के एक मात्र विधायक सहेंद्र सिंह भी भाजपा में शामिल हो गए थे। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने पिछली बार गुर्जर समाज को चार टिकट दिए थे। इस बार गुर्जर समाज को भी एक दो सीट ज्यादा मिल सकती है।

जाटव समाज को भी होगा लाभ

बसपा के जाटव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए भाजपा जाटव समाज को पहले से अधिक सीटें दे सकती है। 2017 में भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 85 सीटों में से 20 सीटों पर जाटव समाज के लोगों को टिकट दिया था। यहां बता दें कि जाटव वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को इस्तीफा दिलाकर उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। भाजपा ने अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में बेबीरानी की करीब 90 सभाएं और बैठकें भी कराई गई हैं।

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