राजसमन्द

पांच दिवसीय जोहिड़ा भैरू पशु मेला प्रारंभ

Suresh Bhatt
पांच दिवसीय जोहिड़ा भैरू पशु मेला प्रारंभ
पांच दिवसीय जोहिड़ा भैरू पशु मेला प्रारंभ

राजसमंद। सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने कहा है कि मेले सांस्कृतिक धरोहर है, जो पशुपालन एवं कृषि दोनों से जुड़े हुए है। पशुपालको एवं किसानों के साथ ग्रामीण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे उनके हितों के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से सक्रिय रूप से लाभान्वित करने में जुड़े। वही विचारों में शक्तिनिहित होती है। जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी का अहसास कर लें और उसका निवर्हन लोकहित में करने लगे तो यह देश विश्वगुरु का स्थान अर्जित कर सकता है। सांसद शनिवार को जिले की राजसमन्द पंचायत समिति की ग्राम पंचायत कुंवारिया आयोजित जोहिड़ा भैरूजी के विशाल पांच दिवसीय पशु मेले के शुभारंभ अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि पशु मेलें में विशेष तौर से पशुपालकों एवं काश्तकारों की भागीदारी होती है लेकिन घटते पशुधन चिन्ता का विषय है। पशुपालको को अच्छी नस्त के दुधारु पशुओं की ओर ध्यान देना होगा। इससे पूर्व प्रधान रीना कुमावत, उपप्रधान भरत पालीवाल, पंस. सदस्य मुकेश शर्मा, संपतनाथ चौहान ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रारंभ में विकास अधिकारी प्रदीप कुमार ईनाणिया ने मेले आयोजन के संबंध में जानकारी प्रदान की। इस मौके पर विद्यालयी बालिकाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी। सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने जोहिड़ा भैरूजी पशु मेले का मेला ग्राउण्ड में मेलाध्वज फहरा एवं गौमाता की पूजा कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक बंशीलाल खटीक, उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल, भाजपा ग्रामीण मंण्डल अध्यक्ष महेश आचार्य, कुंवारिया सरपंच दौलत सिंह, सत्यप्रकाश काबरा, भानु पालीवाल, मानसिंह बारहठ, महेन्द्र टेलर, भैरूलाल जोशी सहीत कई विशिष्टजन व कृषक मौजुद थे। संयोजन दिनेश श्रीमाली ने किया।

मेले में सजी कई दूकानें

इस पांच दिवसीय मेले में इस जिले के अलावा समीपवर्ती जिलो से बड़ी संख्या में पशुपालक अपने पशुओं की खरीद फरोख्त करने पहुंचे है जिसमें गाय-बेल, भैस के अलावा घोड़े भी शामिल है। पंचायत समिति राजसमन्द द्वारा पशुपालकों के ठहरने, भोजन एवं सुरक्षा आदि की समुचित व्यवस्था की है। मेले मे मेलार्थियों के लिए रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों के लिए डोजर, चकरी, झुले आदि मनोरंजन के साधन उपलब्ध है। वही मेला प्रागंण में बर्तन, सबजी, पशुओं के श्रृंगार सहित दैनिक वस्तुओं के स्टाले सजी हुई है।

फोटो - पशु मेला के शुभारंभ पर गौमाता की पूजा करते सांसद राठौड़।

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