राजसमन्द

पेड़ जड़ से क्या कटा मुझे लगा कि मेरा गांव भी जड़ से कट गया

suresh bhat
पेड़ जड़ से क्या कटा मुझे लगा कि मेरा गांव भी जड़ से कट गया
पेड़ जड़ से क्या कटा मुझे लगा कि मेरा गांव भी जड़ से कट गया

राजसमंद। विश्व पृथ्वी दिवस पर काव्य गोष्ठी मंच के तत्वावधान में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन एवं स्वैच्छिक शिक्षक मंच की सहभागिता में पृथ्वी करे पुकार संगोष्ठी का आयोजन फाउण्डेशन के कार्यालय में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बंकेश सनाढ्य ने की। जबकि मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकारण पूर्वकालिक सचिव नरेन्द्र कुमार, विशिष्ट अतिथि प्राचार्य प्रहलादचन्द्र शर्मा, प्रमोद सनाढ्य थे। संगोष्ठी की शुरूआत बंकेश सनाढ्य द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। नारायण सिंह राव ने अपनी रचना पेड़ जड़ से क्या कटा मुझे लगा कि मेरा गांव भी जड़ से कट गया..., मनीष नंदवाना ने वाहनों की होड़ाहोड़ी में कुचला गया कपोत पूत..., प्रमोद सनाढ्य ने काश हरे पेड़ ना काटे होते..., परितोष पालीवाल ने पर्यावरण की प्रथम सीढ़ी पेड़ है..., धीरेन्द्र शिल्पी ने भ्रष्टाचार के जन्म की कविता, ज्योत्सना पोखरना ने जितनी खो दी उतनी धरती कहर मचाएगी..., सूर्यप्रकाश दीक्षित ने पृथ्वी ने ओढ़ रखा था सुन्दर आवरण..., हेमेन्द्रसिंह चौहान ने पहाड़ों से शुरू हुए पातालों को नोच लिया..., बख्तावरसिंह चुण्डावत ने बहुत बढ़ रहा प्रदूषण..., मोहम्मद उमर ने आपके लिए कितने बजे है..., मधु पालीवाल ने प्रकृति उपहार को समझे तो सारी समस्याएं मिट जाएं..., बंकेश सनाढ्य ने सागर के गृभाषय संग-संग सरिताओं के द्वार बिक गए... रचनाएं प्रस्तुत की। पूर्वकालिक सचिव नरेन्द्र कुमार ने उद्बोधन में कहा कि साहित्यकार का अपना धर्म होता है कि कलम के माध्यम से पर्यावरण को संरक्षित एवं संवर्दित करने हेतु साहित्य सृजन करें। पर्यावरण के बारे में संवैधानिक व्यवस्था में बताया गया कि मनुष्य का अधिकार है कि उन्हें स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के कर्तव्य भी निहित हैं। उनका पालन करना वर्तमान की आवश्यकता है। प्रहलाद शर्मा ने कहा कि पृथ्वी सजीव है या निर्जीव इस पर चिंतन करना चाहिए। इस अवसर पर फाउण्डेशन जिला समन्वयक परेश पण्ड्या, योगेन्द्र दाधीच, ऐश्वर्या, अपूर्वा एवं जसवीर, साहित्यकार सूर्यप्रकाश सांचिहर, हरीश कुमार पालीवाल, सतीश आचार्य, धर्मेन्द्र बंधु, अनीता शर्मा, भाविका बन्धु, भैरूलाल कुमावत, संजय पालीवाल उपस्थित थे। संचालन ऐश्वर्या एवं आभार प्रदर्शन नारायणसिंह राव द्वारा किया गया।
*एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...*
पालीवाल वाणी ब्यूरो-सुरेश भाट ✍️
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