इंदौर

पालीवाल जय अंबे ग्रुप द्वारा 24 को आयोजन-आप सादर आमंत्रित

sunil paliwal
पालीवाल जय अंबे ग्रुप द्वारा 24 को आयोजन-आप सादर आमंत्रित
पालीवाल जय अंबे ग्रुप द्वारा 24 को आयोजन-आप सादर आमंत्रित

इंदौर। पालीवाल समाज 24 श्रेणी इंदौर, पालीवाल जय अंबे ग्रुप सदस्य श्री अखिलेश जोशी ने पालीवाल वाणी को बताया कि पालीवाल जय अंबे ग्रुप इंदौर की ओर से प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष पालीवाल समाज भवन, माँ अन्नपूर्णा मंदिर, इमली बाजार इंदौर पर दिनांक 24 अगस्त श्रावण सोेमवार के दिन प्रात: काल 7 बजे से अभिषेक, 8 बजे रूद्रअभिषेक, 11 बजे से श्रृंगार दर्शन, शाम को 7 बजे महाआरती के तद्पश्चात् प्रसाद वितरण होने के बाद पालीवाल भजन भक्त समाजबंधुओं की ओर से भजन कीर्तन संध्या रात्रि 8 बजे से शुरू होकर मध्यरात्रि तक धुम मचेगी। पालीवाल उत्सव कमेठी के अध्यक्ष श्री उमेश पुरोहित (जावद), सचिव श्री सुरज जोशी (रूड़), पालीवाल नवयुवक मंड़ल अध्यक्ष श्री प्रदीप पालीवाल (साकरोदा), सचिव श्री रोहित पालीवाल (सुंदा) ने समाजबंधुओं से अपील की है कि धार्मिक कार्य में तन-मन-धन से सहयोेग कर आयोजन को सफल बनाने की अपील की । विशेष रूप से पालीवाल समाज 24 श्रेणी इंदौर अध्यक्ष सर्वश्री मुकेश जोशी, उपाध्यक्ष प्रकाश सी. जोशी, सचिव घनश्याम पालीवाल, सहसचिव हरलाल पालीवाल, कोषाध्यक्ष रमेश उपाध्याय, सहकोषाध्यक्ष ललीत पुरोहित (भाणा), कार्यवकारिणी सदस्य लक्ष्मण जोशी, प्रकाश पी. जोशी, हीरालाल जोशी, कैलाश पुरोहित, बंशीलाल जोशी, विशेष आमंत्रित सदस्य सुखलाल जोशी, भगवतीप्रसाद जोशी, शांतिलाल पालीवाल, मनोज जोशी सहित धर्मनारायण जोशी, सुरेश जोशी, पवन जोशी, बंटी जोशी, प्रिंस जोशी, कैलाश पालीवाल, निलेश जोशी, पियुष जोशी, अतुल जोशी, अशोक जोशी, सतीश जोशी, वासुदेव पुरोहित, नवीन जोशी, पंडित महेश जोशी, राकेश जोशी, दिनेश जोशी, विनोद जोशी, अंकित जोशी, ललीत जोशी, अभिषेक जोशी, योगेश जोशी, भावेश जोशी, निलेश जोशी आदि समाजसेवी ओर युवासाथियों का हुजूम सहित मातृशक्ति भी मौजूद रहेगी। पालीवाल जय अंबे ग्रुप ंइदौर द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रावण सोमवार का आयोजन आयोजित किया जा रहा है।

श्रावण में सोमवार का विशेष महत्व

श्रावण माह में भी सोमवार का विशेष महत्व है। वार प्रवृत्ति के अनुसार सोमवार भी हिमांषु अर्थात चन्द्रमा का ही दिन है। स्थूल रूप में अभिलक्षणा विधि से भी यदि देखा जाए तो चन्द्रमा की पूजा भी स्वयं भगवान शिव को स्वतः ही प्राप्त हो जाती है क्योंकि चन्द्रमा का निवास भी भुजंग भूषण भगवान शिव का सिर ही है।
अर्थात् - तीन दलों (पत्तियों) से युक्त एक बिल्वपत्र जो हम शिव को अर्पण करते हैं, वह हमारे तीन जन्मों के पापों का नाश करता है तथा त्रिगुणात्मक शिव की कृपा भौतिक संसाधनों से युक्त होती है। अतरू श्रावण मास में भगवान भोले को इनके अर्पण करने से अधिक फल प्राप्त होता है।

भगवान शिव की पूजा से सुखी होता है दांपत्य जीवन

चन्द्रमा भगवानशिव को अत्यंत प्रिय हैं। सोम अर्थात चन्द्रमा का दिन सोमवार होने से सोमवारी पूजा से अत्यंत प्रसन्न होते हैं भगवान शिव। सावन का प्रत्येक दिन पावन है। इस मास का हर दिन व्रत का दिन है। इसलिए भगवान उन्हें अपने मस्तक पर धारण किए हुए हैं। चन्द्रमा के प्रति विशेष लगाव के कारण ही शिव को शशिधर, चन्द्रशेखर, चंद्रमौलेश्वर आदि नामों से भी जाना जाता है। सोमवार सोम अर्थात चन्द्रमा का ही दिन है अतएव सावन मास के सोमवार को की गई पूजा-अर्चना से भगवान शिव और पार्वती दोनों अत्यंत प्रसन्न होकर श्रद्धालुओं पर विशेष कृपा करते है।

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